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सेहतराग टीम
ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क में पायी जाने वाली कोशिकाओं की असामान्य या अनियंत्रित वृद्धि द्वारा होता है। स्वस्थ मानव शरीर में, सामान्य कोशिकाओं के बूढ़े होने या समाप्त हो जाने पर नई कोशिकाएं उनका स्थान ग्रहण कर लेती है। इस प्रक्रिया में कभी-कभी गढ़बढ़ी हो जाती है तथा शरीर में अनावश्यक नई कोशिकाएं पैदा हो जाती है, जबकि शरीर को उन अनावश्यक नई कोशिकाओं की आवश्यकता नहीं होती है। यह पुरानी और मरणासन्न कोशिकाएं स्वयं समाप्त नहीं होती हैं। जबकि उन्हें स्वयं समाप्त हो जाना चाहिए। प्राय: इन अतिरिक्त कोशिकाओं के निर्माण या बड़े पैमाने पर होने वाले ऊतकों के विकास को ही ट्यूमर कहा जाता हैं। मुख्यत: ट्यूमर दो प्रकार के होते है, जिन्हें सौम्य ट्यूमर (हानिरहित) और घातक (कैंसर ट्यूमर) कहा जाता है।
ब्रेन ट्यूमर एक घातक बीमारी है। हालांकि, इस रोग को विभिन्न उपायों द्वारा उपचारित किया जा सकता है, लेकिन अधिकांश रोगी, नौ से बारह महीने की अवधि तक मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं तथा तीन प्रतिशत से कम रोगी तीन वर्ष तक जीवित रहते है। घातक ट्यूमर (कैंसर ट्यूमर) को प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर और माध्यमिक ब्रेन ट्यूमर दो भागों में विभाजित किया जा सकता हैं।
प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर मस्तिष्क के भीतर शुरू होता हैं। माध्यमिक ब्रेन ट्यूमर कही से भी उत्पन्न हो सकता है, लेकिन यह पूरे शरीर में फैल जाता है। इस ट्यूमर को मेटास्टेसिस ट्यूमर के रूप में जाना जाता है। प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर कई प्रकार का होता हैं। इस तरह के ट्यूमर को ट्यूमर के प्रकार या मस्तिष्क के हिस्से में पाए जाने वाले या आरंभ होने वाले स्थान के नाम के अनुसार जाना जाता है। उदाहरण के लिए, यदि ब्रेन ट्यूमर गलायल कोशिकाओं में आरंभ होता है, तो इसे ग्लियोमा (तंत्रिकाबंधार्बुद) कहा जाता है। इस तरह अन्य प्रकार के ट्यूमर, मस्तिष्क के हिस्सों में उत्पन्न होने के आधार पर जाने जाते है।
ब्रेन ट्यूमर के बारे में कुछ तथ्य:
ब्रेन ट्यूमर किसी भी उम्र में हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने वाले सही कारण अभी स्पष्ट नहीं है।
ब्रेन ट्यूमर में जेनेटिक कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विकिरण ज़ोखिम की भूमिका अभी तक प्रमाणित नहीं हुयी है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उनके आकार, प्रकार, और स्थान पर निर्भर करते हैं।
वयस्कों के बीच प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार एस्ट्रोसाइटोमा, मस्तिष्कावरणार्बुद और ओलिगोडेंड्रोग्लियोमा हैं।
बच्चों में प्राथमिक ब्रेन ट्यूमर का सबसे सामान्य प्रकार मेडय्लोबलास्टोमा, ग्रेड एक या दो, तारिकाकोशिकार्बुद (ग्लियोमा), ऐपैनडाईमोमा और ब्रेन स्टेम ग्लियोमा हैं।
ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने की जानकारी चिकित्सीय इतिहास, शारीरिक परीक्षण और विभिन्न विशेष परीक्षण के आधार प्राप्त की जाती हैं।
ब्रेन ट्यूमर के वैकल्पिक उपचार में सर्जरी, विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरपी या संयोजन का उपयोग किया जा सकता हैं।
लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के सबसे सामान्य लक्षण हैं:
सिरदर्द (आमतौर पर, सुबह के समय सिरदर्द होना)।
मतली और उल्टी।
बोलने, देखने, या सुनवाई में बदलाव होना।
चलने या संतुलन में समस्याएं।
मनोदशा, व्यक्तित्व या ध्यान केंद्रित करने की क्षमता में परिवर्तन।
स्मृति के साथ समस्याएं।
स्नायु/मांसपेशी में चटक या ऐंठन (दौरा या ऐंठन)।
हाथ व पैरों में सुन्न या झुनझुनी।
असामान्य थकान और थकावट।
ट्यूमर के लक्षण, उनके उपस्थित होने की स्थिति के साथ जुड़े होते है। हमारे मस्तिष्क का हर भाग विशेष कार्यप्रक्रिया को नियंत्रित करता हैं, इसलिए ट्यूमर मस्तिष्क के विशेष कार्यक्षेत्र को प्रभावित करता है। उसके कारण यह रोग मस्तिष्क की सामान्य कार्यप्रक्रिया को प्रभावित करता है।
अपनी स्थिति के अनुसार कुछ लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं:
ब्रेन स्टेम:
चलते समय समन्वय में कमी।
दोहरी दृष्टि।
निगलने और बोलने में कठिनाई।
चेहरे की कमजोरी - एक तरफ़ मुस्कान।
पलकों की कमजोरी - आंख बंद करने में कठिनाई।
सेरिबैलम:
आँखों की अनैच्छिक और अस्थिर गतिविधियाँ।
उल्टी और गर्दन की जकड़न।
असमन्वित घूमना और भाषण।
टेम्पोरल लोब:
बोलने में परेशानी और स्मृति की समस्याएं।
असामान्य उत्तेजना - भय, ब्लैकआउट और अजीब बदबू।
पश्चकपाल/आक्सपट लोब
एक तरफ की दृष्टि में बराबर और धीमी क्षति।
पार्श्विक लोब:
पढ़ने, लिखने या साधारण गणना में परेशानियाँ।
रास्ते पर चलने में कठिनाई।
शरीर के एक तरफ सुन्नता या कमजोरी।
शब्दों को समझने या बोलने में कठिनाई।
फ्रंटल लोब:
शरीर के एक हिस्से में अस्थिरता और कमजोरी।
व्यक्तित्व में बदलाव।
सूँघने की क्षमता में कमी।
कारण
ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित होने का कोई विशेष कारण नहीं है। जीन्स में होने वाले निश्चित परिवर्तन को कुछ तरह के ट्यूमर को पैदा करने का मुख्य कारण माना जा सकता है। मोबाइल फोन जैसे उपकरणों की विकरण विभिन्न तरह के कैंसर और ब्रेन ट्यूमर को उत्पन्न कर सकती है, लेकिन यह व्यापक रूप से बहस का विषय है। हालांकि, इस तथ्य को अभी तक साबित नहीं किया गया है। इस क्षेत्र में अनुसंधान अभी जारी रही है। ब्रेन ट्यूमर तथा अन्य ट्यूमर संक्रामक नहीं होते हैं तथा इन्हें अन्य लोगों में प्रसारित नहीं किया जा सकता है।
निदान
चिकित्सीय इतिहास, लक्षण, शारीरिक और स्नायविक परीक्षण तथा एमआरआई, सीटी स्कैन, एंजियोग्राम या स्पाइनल टेप जैसी तकनीक निदान में सहायता करती हैं।
तंत्रिका संबंधी परीक्षण: इस परीक्षण में दृष्टि, श्रवण, सतर्कता, मांसपेशियों की ताकत, समन्वय और सजगता परीक्षण शामिल है। आंख और मस्तिष्क को जोड़ने वाली तंत्रिकाओं पर ट्यूमर के दबाव के कारण आँखों में सूजन को देखा जाता है।
एंजियोग्राम: यह एक इमेजिंग तकनीक है, जिसमें डाई को खून में इंजेक्ट किया जाता है। यदि वास्तव में ट्यूमर मौजूद है, तो चित्र ट्यूमर या रक्त वाहिकाओं को दिखाता हैं। यह रक्त वाहिकाएं ट्यूमर को पालती है।
स्पाइनल टैप: आमतौर पर निदान के लिए, मस्तिष्कमेरु द्रव (यह द्रव मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के चारों ओर के रिक्त स्थान को भर देता है) के नमूने को लम्बर पंचर नामक तकनीक द्वारा एकत्र किया जाता है। इस प्रक्रिया के लिए, एक लंबी और पतली सुई का उपयोग द्रव को निकालने के लिए किया जाता है तथा इस प्रक्रिया में लगभग तीस मिनट का समय लगता है।
ब्रेन ट्यूमर का पता लगाने के लिए एमआरआई और सीटी स्कैन बहुत उपयोगी इमेजिंग तकनीक है।
प्रबंधन
ब्रेन ट्यूमर का उपचार ट्यूमर के प्रकार, ग्रेड और स्थिति तथा रोगी के सामान्य स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। ब्रेन ट्यूमर के उपचार के लिए कुछ वैकल्पिक उपचार निम्नलिखित हो सकते हैं:
सर्जरी: आमतौर पर, सर्जरी सौम्य और प्राथमिक घातक ब्रेन ट्यूमर दोनों के उपचार का पहला कदम है। इस तकनीक का उपयोग रोगी की न्यूरोलॉजिकल प्रक्रिया को बनाए रखने के लिए और उसके अधिकतम ट्यूमर को दूर करने के लिए किया जाता है।
रेडियोथेरेपी: रेडीएशन की उच्च ऊर्जा बीम कैंसर के ऊतकों को दोगुना होने से रोकती है।
कीमोथेरेपी: कीमोथेरेपी उपचार में एंटी-कैंसर दवाओं का उपयोग कैंसर की कोशिकाओं को मारने या दोगुना होने से रोकने के लिए किया जाता है।
स्टेरॉयड: आमतौर पर, स्टेरॉयड का उपयोग ब्रेन ट्यूमर के आसपास सूजन को कम करने और रोकने के लिए किया जाता है।
एंटी- सीज़र दवाएं: इस दवा की सिफ़ारिश सीज़र्स से पीड़ित रोगियों के लिए की जाती है। वेंट्रिक्युलोपेरिटोनेल शंट (जिसे वीपी शंट भी कहा जाता है): वीपी शंट को मस्तिष्क के अंदर से ज़रूरत से ज़्यादा तरल पदार्थ निकलने के लिए सिर में रखा जाता है, जिससे दबाव नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।
सहायक देखभाल को बढ़ावा दें: ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित रोगियों के लिए भौतिक चिकित्सा, आध्यात्मिक देखभाल और जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए परामर्श जैसी सहायक देखभाल को बढ़ावा दें।
(नेशनल हेल्थ पोर्टल से साभार)
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